वसीयत क्या है और वसीयत कैसे करते हैं

वसीयत क्या है और वसीयत कैसे करते हैं


वसीयत क्या है और वसीयत कैसे करते हैं


वसीयत- वसीयत एक प्रकार का कानूनी दस्तावेज होता है जो संपत्ति के मालिक की मृत्यु के पश्चात उसकी चल अचल संपत्ति को उसके उसके द्वारा नियुक्त वारिसों में बांटी जाती है वसीयत कर्ता अपने जीवन काल में कभी भी अपनी वसीयत को बदल सकता है वसीयत कर्ता की मानसिक स्थिति ठीक होना आवश्यक माना गया है जिसके बिना वसीयत करता वसीयत नहीं कर सकता

कैसे बनाते हैं वसीयत
यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक व्यक्ति मरने से पहले अपनी वसीयत बनाता है अगर कोई व्यक्ति वसीयत बनाता है तो उसकी संपत्ति का विभाजन उसकी वसीयत के द्वारा होता है अर्थात वसीयत कर्ता की इच्छा के अनुसार ही उतना हिस्सा प्राप्त होता है यदि किसी व्यक्ति ने वसीयत नहीं की है तो उसकी संपत्ति का बंटवारा हिंदू अधिनियम act-2005 के तहत विभाजित किया जाएगा

नियम
वसीयत करने वाला व्यक्ति यह बताता है कि उसकी मृत्यु के पश्चात उसकी चल अचल संपत्ति का विभाजन होना है और उनका वारिस कौन बनेगा वसीयत करता अपने द्वारा अर्जित की गई संपत्ति जैसे घर खेत दुकान घरेलू सामान सोना चांदी बैंक में जमा पैसा वह अपने पूर्वजों से मिली संपत्ति की भी वसीयत कर सकता है

वसीयत बनाने का तरीका
सर्वप्रथम वसीयत कर्ता को दो गवाहों के साथ अपने उप निबंधन कार्यालय मैं जाकर रजिस्टर  कराया जाता है जिसमें वसीयत करता वह दोनों गवाहों के हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान वसीयत पत्र पर लिए जाते हैं

Note – जिस व्यक्ति को आप असलियत कर रहे हैं वह व्यक्ति गवाह नहीं बन सकता और अब वसीयत पाने वाले की मृत्यु वसीयत कर्ता से पहले हो जाती है तो वसीयत पुनः बनानी होगी

कौन-कौन सी वस्तु की वसीयत कर सकते हैं
चल संपत्ति- रुपए घरेलू सामान शेयर बैंक मे जमा पैसा
अचल संपत्ति- जमीन दुकान मकान खेत आदि अचल संपत्ति की वसीयत की जा सकती है



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